स्वास्थ्य और पोषण

जो चीजें हम स्वस्थ समझकर खाते हैं, वे असल में हो सकती हैं अनहेल्दी और वजन बढ़ाने वाली

सौंफ, हेल्दी स्नैक्स और उनके छुपे हुए नुकसान

सौंफ और हेल्दी स्नैक्स को अक्सर बहुत से लोग स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में देखते हैं। इनमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें छुपे हुए कैलोरी और अतिरिक्त शुगर भी हो सकते हैं जो कि आपके वजन को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ स्नैक्स जिन्हें ‘फाइबर-रिच’ या ‘प्रोटीन-पैक्ड’ बताया जाता है, उनमें अतिरिक्त शुगर और परिष्कृत कार्ब्स होते हैं।

ऐसे स्नैक्स के विज्ञापनों में छुपे हुए तथ्यों को पहचानना एक महत्वपूर्ण कौशल है। भोजन के लेबल को पढ़कर उसके पोषण तत्व समझना आवश्यक है। विज्ञापन में दिए गए ‘ओर्गेनिक’ या ‘नेचुरल’ जैसे शब्दों पर अकेले भरोसा करने से बचें। उत्पाद के PNV (प्रति निरीक्षण मूल्य) पर ध्यान दें और उसमें शामिल तत्वों की सूची को देखकर सोच-समझ कर निर्णय लें।

सौंफ को भी स्वस्थ माना जाता है, और यह सच है कि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। फिर भी, इसका अत्यधिक सेवन भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। सौंफ को छोटे मात्रा में और संतुलित आहार का हिस्सा बनाकर ही सेवन करें।

स्नैक्स खाने का सही तरीका यह है कि इन्हें सीमित मात्रा में खाया जाए। अपने हिस्से का ध्यान रखें और यदि संभव हो, तो घर पर ताजे फलों, नट्स और सब्जियों का सेवन अधिक करें। प्रोसेस्ड स्नैक्स की बजाय, घर में बने स्नैक्स का चयन करें जिनमें संरक्षक और अतिरिक्त शुगर नहीं होते।

सारांश यह है कि, भले ही सौंफ और कुछ स्नैक्स हेल्दी माने जाते हैं, लेकिन इनका अत्यधिक और अज्ञान उपयोग वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसलिए, इन्हें अपने आहार में संतुलित मात्रा में शामिल करना ही सबसे सही तरीका है।

ओट्स और इन्स्टेंट मसाला ओट्स: कितना हेल्दी, कितना घातक?

ओट्स को लंबे समय से स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन के रूप में माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो वजन घटाने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के प्रयास में हैं। प्राकृतिक रूप से तैयार किए गए ओट्स में फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब ओट्स को प्रोसेस्ड किया जाता है और उन्हें इन्स्टेंट मसाला ओट्स के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

इन्स्टेंट मसाला ओट्स में अक्सर अतिरिक्त नमक, शुगर, और प्रिज़र्वेटिव्स मिले होते हैं ताकि उनकी शेल्फ लाइफ लम्बी हो सके और उनका स्वाद बेहतर हो सके। जबकि यह सुविधाजनक हो सकता है, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अतिरिक्त नमक उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोगों का कारण बन सकता है, वहीं शुगर का अधिक सेवन वजन बढ़ाने और डायबिटीज जैसी बीमारियों को न्योता देता है।

प्राकृतिक और न्यूनतम प्रोसेस्ड ओट्स तथाकथित इन्स्टेंट मसाला ओट्स के मुकाबले काफी बेहतर होते हैं। प्राकृतिक ओट्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे रक्त शर्करा स्तर स्थिर रहता है और भूख कम लगती है। वहीं दूसरी ओर, प्रोसेस्ड ओट्स में परिरक्षकों और स्वाद बढ़ाने वाले तत्वों की अधिकता के कारण यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

इसलिए, अगर आप सच में ओट्स का स्वास्थ्य लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको न्यूनतम प्रोसेस्ड और प्राकृतिक ओट्स का ही चयन करना चाहिए। आप इन्हें अपने स्वाद अनुसार फलों, नट्स, और कम कैलोरी वाले अन्य तत्वों के साथ मिला सकते हैं। इस प्रकार, आप ओट्स का सही फायदा उठा पाएंगे बिना किसी अतिरिक्त स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किए। अपने आहार में किसी भी ओट्स को शामिल करने से पहले वे क्या सामग्री शामिल करते हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप सच में स्वास्थ्यमंद जीवन जी सकें।

फ्रूट जूस और फ्लेवर्ड योगर्ट: छुपे हुए चीनी के स्रोत

फ्रूट जूस और फ्लेवर्ड योगर्ट अक्सर स्वस्थ भोजन की श्रेणी में माने जाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इनमें चीनी का उच्च स्तर छुपा होता है, जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। आश्चर्य की बात है कि इन स्वास्थ्यवर्धक दिखने वाले विकल्पों में चीनी का इतना उच्च मात्रा में होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

फ्रूट जूस, विशेष रूप से विभिन्न पैकेज्ड विकल्पों में अक्सर प्राकृतिक फ्रूट शुगर के अलावा अतिरिक्त शर्करा भी मिलाई जाती है। इस प्रकार के जूस न केवल आपके कैलोरी सेवन को बढ़ाते हैं, बल्कि आपके शरीर के इंसुलिन स्तर पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। इंसुलिन की अधिकता से भूख की वृद्धि हो सकती है, जिससे अतिरिक्त खाने की प्रवृत्ति बढ़ती है और वजन बढ़ना सामान्य है।

इसके विपरीत, पूरे फल न केवल फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को तेज करते हैं, बल्कि उनमें प्राकृतिक शर्करा भी नियंत्रित मात्रा में होती है। फाइबर की उपस्थिति से शरीर को फल की शर्करा को धीरे-धीरे अवशोषित करने में सहायता मिलती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर अचानक नहीं बढ़ता। इसीलिए जब आप जूस के बजाय पूरा फल खाते हैं, तो आप अवांछित कैलोरी से बचते हैं और संतुलित पोषण प्राप्त करते हैं।

फ्लेवर्ड योगर्ट की बात करें तो अधिकांश बाजार में उपलब्ध प्रकारों में कृत्रिम मिठास और चीनी की अधिकता होती है। इनकी नियमित खपत से अनियंत्रित कैलोरी का सेवन बढ़ सकता है, जो आपके वजन प्रबंधन के लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए यह बेहतर है कि आप घर पर ही प्राकृतिक या प्लेन योगर्ट का उपयोग करें और उसमें ताजे फल और प्राकृतिक स्वीटनर्स का उपयोग करें। इस तरह आप न केवल अतिरिक्त चीनी का सेवन कम कर सकते हैं, बल्कि स्वस्थ और संतुलित भोजन प्राप्त कर सकते हैं।

संक्षेप में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि फ्रूट जूस और फ्लेवर्ड योगर्ट वास्तव में स्वास्थ्य के लिए कितने लाभकारी हैं। जब भी संभव हो, हमेशा पूरे फलों और घर पर बने योगर्ट का चयन करें ताकि आप छुपी हुई चीनी से बच सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।

एनर्जी बार और ग्रेनोला: स्वास्थ्य के लिए लाभदायक या हानिकारक?

आज के तेजी से बदलते जीवनशैली में, एनर्जी बार और ग्रेनोला को एक त्वरित और सुविधाजनक स्नैक के रूप में व्यापक रूप से अपनाया गया है। अधिकांश लोग इन्हें ऊर्जा के उत्कृष्ट स्रोत मानते हैं, खासकर तब जब उन्हें समय की कमी होती है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि सभी एनर्जी बार और ग्रेनोला समान नहीं होते। इनमें से कई उत्पाद छुपे हुए फैट्स, शुगर, और कैलोरीज से भरपूर हो सकते हैं, जो कि वजन बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।

एनर्जी बार में अक्सर विभिन्न प्रकार की शुगर का उपयोग होता है, जैसे कि हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, जो न केवल कैलोरी को बढ़ाता है बल्कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स को भी प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त, कई बार में पाम ऑयल और हाइड्रोजिनेटेड फैट्स का भी उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, एनर्जी बार को खरीदते समय लेबल को ध्यान से पढ़ना महत्वपूर्ण है, ताकि आप वापस छुपे हुए तत्वों से बच सकें।

इसी प्रकार, ग्रेनोला को भी एक स्वस्थ नाश्ते के विकल्प के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसमें भी कई बार अतिरिक्त शुगर और फैट्स हो सकते हैं। उन्होंने ग्रेनोलाज, हनी और चॉकलेट के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है, जिससे उनका कैलोरी कंटेंट बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में, ग्रेनोला एक सादा और बिना अतिरिक्त मिठास वाले रूप में अधिक स्वास्थ्यकारी हो सकता है।

अत: यह महत्वपूर्ण है कि आप एनर्जी बार और ग्रेनोला का चयन बुद्धिमानी से करें। कम शुगर, कम फैट और हाई-फाइबर विकल्पों को प्राथमिकता दें। घर पर तैयार की गई ग्रेनोला भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसका कंटेंट आपके नियंत्रण में हो। सही चयन से ये स्नैक्स न केवल ऊर्जा के अच्छे स्रोत बन सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने में सहायक होंगे।

Recommended Articles

Exit mobile version