🌿 “बीते दर्द से आगे कैसे बढ़ें?”
(“How to move on from a painful past?”)
सच कहूं — बीते हुए दर्द को भूलना आसान नहीं होता।
कुछ जख़्म ऐसे होते हैं जो दिखाई नहीं देते, लेकिन हर दिन महसूस होते हैं।
पर क्या ज़िंदगी वहीं रुक जानी चाहिए?
नहीं…
ज़िंदगी आगे बढ़ने का नाम है।
हम बीते कल को बदल नहीं सकते, पर आने वाले कल को बेहतर ज़रूर बना सकते हैं।
➤ क्या करें?
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Feel it – रो लेना भी जरूरी है:
खुद को इजाज़त दो रोने की। जो हुआ, वो तुम्हारे साथ गलत हुआ। पर खुद को उस दर्द में कैद मत करो। -
Write it out – लिखो:
जो दिल में है, उसे शब्दों में बहा दो। जब हम लिखते हैं, तो हम अपने जख़्मों को शब्दों का मरहम दे रहे होते हैं। -
Forgive (not for them, but for you):
माफ़ कर दो — ताकि तुम खुद को हल्का महसूस कर सको। वो लोग तुम्हारी ज़िंदगी रोकने लायक नहीं हैं। -
Surround yourself with the right energy:
कुछ लोग पुराने घाव कुरेदते हैं, और कुछ लोग नई रोशनी दिखाते हैं। चुनो उन्हें, जो तुम्हें heal होने में मदद करें। -
Grow through what you go through:
हर दर्द, हर धोखा, हर गिरावट तुम्हें आज के तुम तक लाया है। तुम आज कमजोर नहीं हो — तुम बहुत मजबूत हो।
💬 एक बात हमेशा याद रखना:
“जख़्मों से मत डरो, क्योंकि वहीं से रौशनी अंदर आती है।”