जब रिश्ता धीरे-धीरे ख़ामोश होने लगे…

  कभी आपने महसूस किया है कि आप किसी के बहुत करीब होते हैं, लेकिन फिर भी दिल की बातें अधूरी रह जाती हैं? रिश्ते कभी अचानक खत्म नहीं होते, वे धीरे-धीरे ख़ामोश हो जाते हैं… और हम बस देखते रह जाते हैं।

शुरुआत में सब कुछ अच्छा लगता है — बातों का सिलसिला, छोटी-छोटी खुशियाँ, साथ में बिताया हर पल। लेकिन धीरे-धीरे बातें कम होने लगती हैं, कॉल्स मिस होने लगते हैं, और “मैं व्यस्त हूं” एक आम जवाब बन जाता है।

जब ऐसा होने लगे, तो समझ लीजिए कि रिश्ता आवाज़ें नहीं, अब ख़ामोशी बोलने लगा है।

पर क्या इसका मतलब ये है कि रिश्ता खत्म हो रहा है? नहीं जरूरी नहीं।
ख़ामोशी कई बार थकान होती है — मानसिक, भावनात्मक या जीवन की उलझनों से। ज़रूरत होती है थोड़ी समझ, थोड़ा समय, और दिल से की गई बातचीत।

अगर आपको लगे कि आपका रिश्ता ख़ामोश हो गया है, तो चुप मत रहिए। एक बार दिल से बात करिए। हो सकता है, सिर्फ एक ईमानदार संवाद, फिर से रिश्ते में रंग भर दे।