कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे मोड़ पर आकर रुक जाते हैं जहाँ “अलविदा” कहने की भी हिम्मत नहीं होती।
ना कोई झगड़ा, ना कोई वजह… बस चुप्पी… और उस चुप्पी में छिपा होता है एक अधूरा अलविदा — एक Unsaid Goodbye।
कितना अजीब होता है न?
कभी जिनसे घंटों बात होती थी, अब उनकी याद भी एक सन्नाटा बनकर रह जाती है।
ना उन्होंने कुछ कहा, ना हमने कुछ पूछा… लेकिन वो चले गए।
और हम बस यही सोचते रह गए कि क्या सच में हमारा साथ इतना ही था?
अनकहे अलविदा सबसे ज़्यादा तकलीफ़ देते हैं।
क्योंकि वो बिना closure के जाते हैं।
दिल के हर कोने में सवाल छोड़ जाते हैं —
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क्या मैंने कुछ गलत किया?
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क्या उन्हें मेरी ज़रूरत नहीं रही?
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क्या ये रिश्ता सिर्फ़ एक दौर था?
इन सवालों का कोई जवाब नहीं होता… और शायद इसी वजह से दर्द और गहरा होता है।
💭 “अनकहे अलविदा” क्यों होते हैं?
कभी-कभी लोग रिश्ता तोड़ते नहीं, बस दूर हो जाते हैं।
कई बार हालात साथ नहीं देते, कई बार लोग।
पर जो सबसे ज़्यादा चुभता है — वो है बिना कुछ कहे चले जाना।
🧡 कैसे जिएं इन अधूरे अलविदाओं के साथ?
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खुद को समय दें।
दर्द को महसूस कीजिए — दबाइए मत। -
अपना दिल खाली कीजिए।
चाहें तो डायरी में लिखें या किसी अपने से बात करें। -
उनसे closure की उम्मीद न रखें।
कुछ जवाब हमारे पास कभी नहीं होंगे, और हमें उनके बिना भी आगे बढ़ना होगा। -
अपने आप से प्यार करें।
आप अधूरे नहीं हैं, वो रिश्ता अधूरा था।
🌸 याद रखें:
कुछ लोग हमारी ज़िंदगी में सबक बनकर आते हैं।
उनकी यादें रह जाती हैं, पर हम उनसे आगे बढ़ना सीखते हैं।
आपकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई — वो बस एक पन्ना था।
बहुत सुंदर।