
“रिश्ते निभाते-निभाते, मैं खुद को भूल गई” — जब औरत खुद के लिए जीना भूल जाती है।
🔸 भूमिका:
“रिश्ते निभाते-निभाते, मैं खुद को भूल गई” — ये एक वाक्य नहीं, बल्कि हजारों औरतों की कहानी है। माँ, पत्नी, बहन, बहू… हर रोल निभाते-निभाते हम अक्सर अपना असली चेहरा, अपने सपने, अपनी पहचान और अपनी खुशियाँ खो देते हैं।
🔹 भाग 1: जब हम खुद से दूर हो जाते हैं
कई महिलाएं शादी या बच्चों के बाद ये महसूस करती हैं कि अब उनका जीवन सिर्फ दूसरों की ज़रूरतें पूरी करने में बीतता है। धीरे-धीरे:
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अपने शौक छूट जाते हैं
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चेहरे की मुस्कान कम हो जाती है
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आत्मविश्वास खोने लगता है
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और सबसे बड़ी बात — “मैं कौन हूं?” ये सवाल भी खो जाता है।
🔸 भाग 2: Emotional बोझ और अंदर का खालीपन
जब हम हर किसी के लिए जीते हैं लेकिन हमारे लिए कोई नहीं होता, तो अंदर एक खालीपन, एक थकान, एक चुप्पी घर कर जाती है।
आपने भी कभी सोचा होगा:
“अब मेरा कोई सपना नहीं बचा…”
“अब कुछ अच्छा करने का मन ही नहीं करता…”
“मुझे समझने वाला कोई नहीं है…”
🔹 भाग 3: Self-Love की शुरुआत कहाँ से करें?
अब वक्त है खुद को दोबारा खोजने का।
✅ Step-by-Step Self-Love Plan:
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हर दिन 30 मिनट सिर्फ अपने लिए रखें
किताब पढ़ें, walk पर जाएं, journaling करें या बस खुद से बातें करें। -
अपने नाम से कोई छोटी सी चीज़ शुरू करें
जैसे एक ब्लॉग, YouTube channel, Instagram page — खुद की पहचान के लिए। -
ना कहना सीखें
सबको खुश करना आपकी ज़िम्मेदारी नहीं। आप भी उतनी ही important हैं। -
Support System बनाएं
ऐसे दोस्तों या कम्युनिटी से जुड़ें जहाँ आप judgement-free होकर बात कर सकें। -
Mental Health को हल्के में न लें
अगर ज़रूरत हो तो therapist से बात करना बिल्कुल normal है।
🔸 भाग 4: खुद से मिलने की एक नई शुरुआत
आप किसी की माँ हैं, पत्नी हैं, लेकिन सबसे पहले आप खुद हैं।
आपका अस्तित्व सिर्फ किसी रिश्ते की छाया नहीं है।
आप खुद एक पूरा ब्रह्मांड हैं — जिसे दोबारा जीना है, खिलना है।
🌸 “मैं फिर से खुद से प्यार करना सीख रही हूं, धीरे-धीरे… हर रोज़ थोड़ा।”
अगर आप भी इस journey से गुज़र रही हैं, तो कमेंट में “🌸” जरूर छोड़ें।
हम साथ हैं — खुद को दोबारा खोजने के सफर में।
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