“जब रिश्ते में सिर्फ आप कोशिश कर रहे हों…” | एकतरफा रिश्तों की थकावट

💔 एकतरफा efforts वाले रिश्ते की थकावट

कभी-कभी हम किसी रिश्ते को इतने दिल से निभाते हैं कि खुद को ही भूल जाते हैं। हर बार पहल हम करते हैं, बात हम शुरू करते हैं, ख्याल हम रखते हैं — और बदले में मिलती है चुप्पी।
धीरे-धीरे ये एहसास अंदर ही अंदर थका देता है।
शब्दों से नहीं, लेकिन उनकी चुप्पी से हमें जवाब मिलने लगते हैं।


📱 जब message भी सिर्फ आप करते हैं…

सुबह का “Good Morning”,
दोपहर की “खाना खाया?”
रात का “Take care” —
सब कुछ बस एक तरफ़ा।

और जब जवाब मिलना बंद हो जाए, तो सवाल खुद-ब-खुद उठते हैं —
“क्या अब मेरी कोई अहमियत नहीं रही?”


🚫 कैसे समझें कि अब रुक जाना चाहिए?

  1. जब आपकी उपस्थिति और अनुपस्थिति में फर्क ना हो।

  2. जब आप बार-बार समझौते करें और सामने वाला एक बार भी कोशिश न करे।

  3. जब आपकी self-worth उस रिश्ते में धीरे-धीरे खोने लगे।

  4. जब हर बार आप ही पहल करें और सामने से silence मिले।

रिश्ता तब तक ही खूबसूरत है, जब दोनों लोग उसे निभाना चाहें। जब वो बोझ लगने लगे — तो रुक जाना ही बेहतर होता है।


🪞 Self-respect vs Desperation

किसी को खोने का डर इतना भी न बढ़ जाए कि आप खुद को खो बैठें।
प्यार ज़रूरी है — लेकिन Self-respect उससे भी ज़्यादा।
आप किसी के attention के लिए लड़ें नहीं — अगर वो सच में आपका है, तो आपको लड़ना नहीं पड़ेगा।

Desperation रिश्तों को ज़िंदा नहीं रखती, बल्कि धीरे-धीरे खत्म कर देती है।


🌼 आप deserve करते हैं एक ऐसा रिश्ता…

जहाँ आप अकेले ना हों,
जहाँ आपकी भी सुनवाई हो,
जहाँ आपकी भावनाओं की कदर हो,
जहाँ जवाब सिर्फ “seen” ना हो, बल्कि “felt” भी हो।


अंत में आपसे सवाल:

क्या आपने कभी किसी रिश्ते में अकेले ही सब निभाने की कोशिश की है?
👇 नीचे कमेंट करें — आपकी कहानी किसी और को हिम्मत दे सकती है।