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जब सब कुछ खोया हुआ लगे तब क्या करें?

“कभी-कभी हम मुस्कुराते हैं… सिर्फ ये दिखाने के लिए कि हम टूटे नहीं हैं”

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💔 जब सब कुछ बिखरता हुआ लगे…

कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है जहाँ हर चीज़ हाथ से फिसलती हुई महसूस होती है।

  • रिश्ते टूट जाते हैं,

  • सपने बिखर जाते हैं,

  • लोग साथ छोड़ देते हैं,

  • और खुद की पहचान भी खो सी जाती है।

ऐसा लगता है —
“अब कुछ नहीं बचा…”

लेकिन रुकिए —
ये अंत नहीं है।


🌑 ये अंधेरा हमेशा के लिए नहीं है

आपने कभी सोचा है,
रात सबसे ज्यादा अंधेरी तब होती है जब सुबह सबसे पास होती है।

जैसे ही आपको लगता है कि अब और नहीं सह सकती —
वहीं से आपकी नई शुरुआत होती है।


🔥 खुद से पूछने वाले सवाल जब सब कुछ टूट जाए

  1. क्या मैं अभी भी साँस ले रही हूँ?
    → तो इसका मतलब है जिंदगी अभी बाकी है।

  2. क्या मैं कुछ सीख पा रही हूँ इस दर्द से?
    → तो इसका मतलब है मैं और मजबूत बन रही हूँ।

  3. क्या ये मेरी आख़िरी हार है?
    → नहीं, क्योंकि हारने वाले फिर खड़े नहीं होते। आप खड़ी हो रही हैं।


🧘‍♀️ जब सब कुछ खोया लगे, तब ये 5 काम ज़रूर करें:

1. रोने से मत डरिए

रोकने से दर्द दबता नहीं — बढ़ता है।
रोइए… पर टूटिए मत।
रोना कमजोरी नहीं, राहत है।

2. अपना दिमाग खाली कीजिए

  • एक कॉपी में लिख डालिए —
    “क्या-क्या टूट गया, क्यों तकलीफ हो रही है, कौन सा डर सताता है।”

  • ये लिखना आपके मन के बोझ को हल्का करेगा।

3. एक Time Table बनाईए

जब आप टूटे होते हैं, तब समय और दिन की कोई अहमियत नहीं लगती।
पर एक रूटीन आपको दोबारा “control” का एहसास देगा।

4. छोटे लक्ष्य तय कीजिए

बड़ी जीत की नहीं —
छोटे कदमों की ज़रूरत है।
जैसे:

  • आज सिर्फ 15 मिनट टहलूंगी

  • आज सिर्फ 1 मोटिवेशनल वीडियो देखूंगी

  • आज सिर्फ खुद को माफ़ करूंगी

5. लोगों से बात करें (जिन पर आप भरोसा करते हैं)

अगर कोई नहीं है, तो खुद से बात कीजिए।
पर खुद को अकेला न छोड़िए।


💡 याद रखिए:

जिंदगी चाहे कितनी भी बिखर जाए, आप उसे दोबारा बुन सकती हैं।
बस धागा अपने अंदर से निकालना होगा — हिम्मत का, उम्मीद का, और विश्वास का।


🌱 खुद को दोबारा शुरू करने का मंत्र

  • जो गया, उसे रोना छोड़ दो

  • जो बचा है, उसे संजोना शुरू करो

  • और जो आ रहा है, उसका स्वागत करो


💬 Affirmations:

हर सुबह बोलिए:

  • “मैं हारी नहीं हूं, मैं थकी हूं — पर उठूंगी जरूर।”

  • “मुझे अपने दर्द से भी प्यार है, क्योंकि इसी ने मुझे मजबूत बनाया है।”

  • “मैं फिर से शुरू कर सकती हूं — और करूंगी।”


🙋‍♀️ एक औरत की चुप आवाज़:

“मैंने सब कुछ खोया था —
भरोसा, लोग, सपने, हँसी…
फिर एक दिन मैं खुद को खोजने निकली —
और पाया —
मैं ही खुद का सबसे बड़ा सहारा हूं।”


❓ आपसे एक सवाल

क्या आप भी कभी ऐसे मोड़ पर आई हैं जहाँ लगा कि अब कुछ नहीं बचा? और फिर आप कैसे उठीं?
👇
कमेंट में ज़रूर बताइए — आपकी कहानी किसी और को नया जीवन दे सकती है।