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जब मन करे सब छोड़कर कहीं भाग जाएं…

जब मन करे सब छोड़कर कहीं भाग जाएं…

🌧️ जब मन थक जाता है…

कभी-कभी ऐसा लगता है कि अब और नहीं सहा जाता।

  • हर दिन वही ताने

  • वही बोझ

  • वही अकेलापन

  • कोई समझने वाला नहीं

  • कोई पूछने वाला नहीं

ऐसे में दिल बस यही कहता है:
“काश कहीं दूर चली जाऊं, जहां कोई मुझे न जाने, न पहचाने…”


💭 ये भावना क्यों आती है?

जब:

  • हर कोई सिर्फ अपना मतलब निकालता है

  • आपकी भावनाएं किसी के लिए मायने नहीं रखतीं

  • आप सिर्फ दूसरों की जरूरत बनकर रह जाती हैं

  • आपकी पहचान सिर्फ “किसी की पत्नी”, “किसी की मां” बन जाती है

तब दिल अंदर ही अंदर चिल्लाता है:
“मैं भी इंसान हूं, मुझे भी सुकून चाहिए!”


🥺 “मैं थक गई हूं…”

ये तीन शब्द एक औरत के दिल की गहराई को बयां करते हैं।
कई बार वो सब ठीक लग रहा होता है बाहर से —
मगर अंदर एक तूफान चल रहा होता है।

क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया?

“ना कुछ गलत है, ना कुछ सही —
बस मन भर गया है…”


🧠 जब भागने का मन करे, तो रुको और सोचो:

  1. क्या मैं वाकई भागना चाहती हूं, या बस थोड़ा आराम चाहिए?

  2. क्या कोई ऐसा है जिससे मैं खुलकर बात कर सकती हूं?

  3. क्या मैं अपने लिए एक दिन भी नहीं निकाल सकती?

कई बार हम कहीं भागना नहीं चाहते,
बस थोड़ी सी “खुद के लिए जगह” चाहिए होती है।


🌿 तो क्या करें?

1. एक दिन खुद के नाम कीजिए

कोई मंदिर, समंदर, पहाड़ी, या पार्क —
जहां शांति हो, वहां एक दिन बिताइए — सिर्फ अपने साथ।

2. अपनी भावनाएं लिखिए

जो मन में है, वो कागज़ पर उतारिए —
कभी-कभी कलम भी वो सुन लेती है, जो लोग नहीं सुनते।

3. किसी भरोसेमंद से बात कीजिए

कभी एक सच्चा दोस्त, या माँ की गोद ही वो राहत दे देती है जो भाग कर भी नहीं मिलती।

4. छोटा सा ब्रेक लीजिए

घर, रिश्ते, ज़िम्मेदारियों से थोड़ा दूर जाने से आप selfish नहीं हो जातीं — आप इंसान हैं।

5. Mindfulness और Meditation आज़माइए

रोज़ 10 मिनट की शांति —
आपके मन को वो राहत दे सकती है जिसकी आपको ज़रूरत है।


💬 Affirmations:

  • “मैं खुद को सुनने और समझने के लायक हूं।”

  • “भागने की नहीं, healing की ज़रूरत है।”

  • “मुझे अपने लिए जीने का हक़ है — बिना किसी guilt के।”


🙋‍♀️ एक औरत की आवाज़:

“कभी सोचा था कि सब छोड़ दूंगी,
पर फिर खुद से मिला —
और जाना,
भागना नहीं —
खुद को वापस पाना ज़रूरी था।”


❓ आपसे एक सवाल

क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि सबकुछ छोड़कर बस कहीं भाग जाऊं?
क्या आप अभी भी वही महसूस करती हैं?
👇
कमेंट में ज़रूर लिखिए — शायद आपकी बात किसी और के आंसू रोक दे।